व्यवसाय

ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल को कर्मचारी आत्महत्या मामले में नामजद किया गया।

ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल पर एक कर्मचारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। बेंगलुरु पुलिस ने एफआईआर में कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी सुब्रत कुमार दास का भी नाम लिया है।

6 अक्टूबर को दर्ज की गई एफआईआर में भाविश अग्रवाल का नाम शामिल नहीं था, लेकिन मृतक के भाई की शिकायत पर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया गया। भाविश अग्रवाल या कंपनी की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

कंपनी के 38 वर्षीय कर्मचारी के. अरविंद ने 28 सितंबर को आत्महत्या कर ली। वे 2022 से ओला इलेक्ट्रिक में इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। अरविंद के भाई का दावा है कि उनके मृत्युपरांत उनके खाते में लगभग 1.7 लाख रुपये जमा हुए।

28 पृष्ठों की सुसाइड नोट में भाविश पर कई आरोप

अरविंद के भाई ने बताया कि उनके भाई ने आत्महत्या से पहले 28 पृष्ठों की चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने भाविश और अन्य अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न और वेतन प्रोत्साहन न देने का आरोप लगाया था।

अरविंद के भाई ने कहा –
“मेरे भाई की मृत्यु के दो दिन बाद, 30 सितंबर को, ₹17,46,313 उनके बैंक खाते में NEFT के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। जब मैंने कंपनी के अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने मुझे HR से संपर्क करने के लिए कहा। बाद में, कंपनी के प्रतिनिधि कृतिश देसाई और रोशन हमारे घर आए, लेकिन उन्होंने पैसे के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।”

अनैसर्गिक मृत्यु का प्रारंभिक मामला

पुलिस डीसीपी अनिता बी. हडन्नावर ने बताया कि प्रारंभ में यह मामला अनैसर्गिक मृत्यु के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन सुसाइड नोट सामने आने के बाद अरविंद के भाई की शिकायत पर मामला फिर से दर्ज किया गया।

एफआईआर के अनुसार, अरविंद ने सुसाइड नोट में लिखा है – “पुलिस भाविश अग्रवाल को दंडित करे और मुझे न्याय मिले।”

ओला के खिलाफ सेबी की जांच

ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों की सेबी द्वारा जांच की जा रही है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक ने अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच इनसाइडर ट्रेडिंग और संबंधित पक्ष लेन-देन के नियमों का उल्लंघन किया।

ओला ने इन आरोपों को गलत और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। फरवरी 2025 के बिक्री रिपोर्ट में ओला पर झूठे दावे करने का आरोप सामने आया। फरवरी 2025 में कंपनी ने दावा किया था कि उसने 25,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में 28% बाजार हिस्सेदारी हासिल की।

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