चाय प्रेमी सावधान! जानिए — दिन में कितनी कप चाय पीना सेहत के लिए फायदेमंद है?

चाय प्रेमियों के लिए:
चाय भारतीयों के दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। बहुत से लोगों के लिए सुबह की शुरुआत चाय के घूंट के बिना अधूरी रहती है। कुछ लोग तो दिन में कई बार चाय पीते हैं। चाय के बिना उन्हें काम पर ध्यान लगाना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन सवाल यह है कि दिन में कितनी चाय पीना स्वास्थ्य के लिए सही माना जाता है? इस पर पोषण विशेषज्ञ ऋजुता दिवेकर ने विस्तार से जानकारी दी है।
🌿 चाय की उत्पत्ति
चाय की उत्पत्ति चीन से हुई। यह कैमेलिया साइनेंसिस (Camellia sinensis) नामक पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है।
आयुर्वेद के अनुसार, गर्म पानी में पत्तियां डालकर ताजे रूप में सेवन करना उत्तेजक और लाभदायक माना गया है। दूध मिलाकर पीना भी उचित है।
सुबह ऊर्जा बढ़ाने के लिए या शाम को संधिकाल में चाय लेना ठीक रहता है, लेकिन भूखे पेट या भोजन के तुरंत बाद पीना टालना चाहिए।
आयुर्वेदिक चाय में अर्जुन की छाल, मंजिष्ठा या अश्वगंधा मिलाई जा सकती है — जो हृदय, सौंदर्य और बुद्धि के लिए लाभकारी मानी जाती हैं।
☕ खाली पेट चाय के दुष्परिणाम
फिटनेस विशेषज्ञ आश्लेषा जोशी के अनुसार, सुबह खाली पेट केवल चाय पीने से पेट में अम्लता (acidity) बढ़ जाती है।
चाय में मौजूद टैनिन और कैफीन पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं — शुरुआत में थोड़ी ऊर्जा मिलती है, पर बाद में थकान महसूस होती है।
लंबे समय में यह शरीर में लोह (iron) के अवशोषण में बाधा डालती है, जिससे अनीमिया (खून की कमी) का खतरा बढ़ता है।
साथ ही, चाय के घटक भोजन से मिलने वाले खनिजों के शोषण को रोकते हैं, जिससे पोषण की कमी हो सकती है।
🌙 शाम की चाय और नींद पर असर
चाय में मौजूद कैफीन तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और मेलाटोनिन हार्मोन के स्राव को धीमा करता है — यही हार्मोन नींद के लिए ज़िम्मेदार होता है।
इसलिए, शाम या रात में चाय पीने से नींद में बाधा आती है।
इससे सुबह थकान, धुंधलापन, और स्मरणशक्ति में कमी देखी जाती है।
ऋजुता दिवेकर ने हंसी में कहा कि “अगर आपकी सहनशक्ति हिमालय की 80 वर्षीया महिला जैसी नहीं है, तो चाय का सेवन सीमित रखें!”
🫖 चाय पीने की आदत कैसे सुधारें
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सुबह हर्बल इन्फ्यूजन या नींबू पानी से दिन की शुरुआत करें। 
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चाय के साथ प्रोटीन या फैटयुक्त स्नैक लें। 
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चाय में ज्यादा दूध और पानी मिलाकर कैफीन की मात्रा घटाएं। 
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ग्रीन टी, दालचीनी वाली कावा चाय, या आयुर्वेदिक हर्बल टी (अश्वगंधा, तुलसी, मंजिष्ठा युक्त) चुनें। 
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सीमित मात्रा में सेवन से चाय स्वास्थ्यवर्धक बनती है, अन्यथा इसके दुष्परिणाम सामने आते हैं। 
☕ दिन में कितनी चाय पीनी चाहिए?
पोषण विशेषज्ञ ऋजुता दिवेकर के अनुसार —
“नियमित दिनचर्या वाले व्यक्ति को दिन में दो या अधिकतम तीन कप चाय ही लेनी चाहिए।”
तीन से अधिक कप चाय पीने पर शरीर में असंतुलन उत्पन्न होता है, पोषक तत्वों की कमी होती है और दीर्घकाल में स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
सुबह खाली पेट चाय न लें; इसके स्थान पर फल या पौष्टिक नाश्ता करें।
दोपहर के बाद या शाम 4 बजे के बाद चाय लेना नींद के चक्र को प्रभावित करता है, जिससे अगले दिन थकान और तनाव बढ़ जाता है।
भोजन के स्थान पर चाय पीना बिल्कुल टालना चाहिए।
🧭 FAQ
१. दिन में कितनी चाय पीना उचित है, और ज़्यादा पीने से क्या होता है?
ऋजुता दिवेकर के अनुसार, दिन में दो से तीन कप तक चाय पीना सुरक्षित है।
तीन-चार से अधिक कप लेने पर शरीर में असंतुलन, पोषक तत्वों की कमी और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
२. खाली पेट चाय पीने के दुष्परिणाम क्या हैं?
आश्लेषा जोशी बताती हैं कि खाली पेट चाय पीने से अम्लता बढ़ती है, पाचन बिगड़ता है, और लंबे समय में अनीमिया का खतरा रहता है।
इसलिए दिन की शुरुआत फलों या हल्के पौष्टिक नाश्ते से करनी चाहिए।
३. शाम या देर से चाय पीने का क्या असर होता है और इसे कैसे सुधारा जाए?
शाम को चाय पीने से कैफीन मेलाटोनिन को प्रभावित करता है, जिससे नींद आने में कठिनाई होती है।
यह थकान, तनाव और स्मरणशक्ति की कमजोरी का कारण बन सकता है।
इस आदत को सुधारने के लिए —
सुबह हर्बल चाय या नींबू पानी लें।
चाय के साथ प्रोटीन युक्त स्नैक लें।
दूध-पानी का अनुपात बढ़ाकर कैफीन कम करें।
दालचीनी, अश्वगंधा या तुलसी जैसी हर्बल चाय चुनें।
 
				 
					