जयशंकर की बीजिंग यात्रा से पहले चीन का बयान, कहा- भारत-चीन की द्विपक्षीय संबंधों में तिब्बत से जुड़े मुद्दे कांटा

नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने रविवार (13 जुलाई, 2025) को कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी सहित तिब्बत से संबंधित मुद्दे भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में एक कांटा हैं और वे नई दिल्ली के लिए एक बोझ बन गए हैं. चीन की ओर से यह टिप्पणी विदेश मंत्री एस. जयशंकर की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन यात्रा से पहले आई है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 2020 के सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में आए गंभीर तनाव के बाद यह जयशंकर की पहली चीन यात्रा होगी.
भारत और चीन ने पिछले साल अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख के सैन्य गतिरोध वाले अंतिम दो स्थानों से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाया है. पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं.
चीन ने दलाई लामा के बयान पर जताई नाराजगी
इस महीने की शुरुआत में दलाई लामा ने कहा था कि तिब्बती बौद्धों के एक ट्रस्ट को उनके भावी उत्तराधिकारी को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार होगा. वहीं, चीन ने दलाई लामा की टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उनके उत्तराधिकारी को चीनी सरकार की ओर से मंजूरी दी जानी चाहिए.
दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीनी दूतावार के प्रवक्ता ने दिया बयान
चीनी दूतावास के प्रवक्ता यु जिंग ने रविवार (13 जुलाई) को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “पूर्व अधिकारियों सहित रणनीतिक और शैक्षणिक समुदायों के सदस्यों ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी के संबंध में भारत सरकार के सार्वजनिक रुख के विपरीत अनुचित टिप्पणी की है.”
यु जिंग ने कहा, “उन्हें शिजांग से संबंधित मुद्दों की संवेदनशीलता के बारे में पूरी तरह से अवगत होना चाहिए और यह भी कि दलाई लामा के पुनर्जन्म और उत्तराधिकार स्वाभाविक रूप से चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें किसी भी बाहरी ताकत का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
उल्लेखनीय है कि चीन तिब्बत को शिजांग कहता है. चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, “वास्तव में, शिजांग से संबंधित मुद्दा चीन-भारत संबंधों में एक कांटा है और भारत के लिए बोझ बन गया है. शिजांग कार्ड खेलना निश्चित रूप से अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा.”
14-15 जुलाई को चीन की यात्रा करेंगे एस. जयशंकर
जयशंकर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए 14 और 15 जुलाई को चीन की यात्रा पर जाएंगे. एससीओ सम्मेलन के दौरान उनके अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की उम्मीद है.
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