एअर इंडिया हादसे पर ब्रिटेन की निगाहें, 52 नागरिकों की मौत के बाद जांच रिपोर्ट की समीक्षा में जुटा UK

ब्रिटेन के हवाई दुर्घटना जांच शाखा (एएआईबी) ने शनिवार (12 जुलाई, 2025) को कहा कि वह पिछले महीने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है.
भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट दुर्घटना की उनकी जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों पर आधारित है. इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी. यह एक दशक में सबसे भयावह विमान दुर्घटना थी.
विमान में सवार 52 ब्रिटिश नागरिकों की मौत
ब्रिटेन की एएआईबी भी जांच प्रक्रिया का हिस्सा है, क्योंकि इस हादसे में विमान में सवार 52 ब्रिटिश नागरिकों की भी मौत हो गई थी. ब्रिटेन की एएआईबी ने एक बयान में कहा, ‘यूके एएआईबी इस प्रारंभिक रिपोर्ट का स्वागत करती है, जो एएआईबी भारत की तरफ से अब तक उजागर की गई तथ्यात्मक जानकारी का सारांश है.’
इसमें कहा गया है, ‘ब्रिटिश एएआईबी इस प्रारंभिक रिपोर्ट की विस्तार से समीक्षा कर रहा है और भारत की एएआईबी के साथ संपर्क में है. अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार, जांच संबंधी जानकारी जारी करने का अधिकार पूरी तरह से भारतीय अधिकारियों के पास है.’
पायलट के बीच हुई थी ये बात
दुर्घटना की 15 पृष्ठों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट से पता चला कि दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे, जिसके कारण विमान की ऊंचाई में तत्काल कमी आ गई. रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, जिस पर दूसरा पायलट ईंधन बंद करने से इनकार करता है.
बारह जून की दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले ब्रिटेन के परिवारों ने जांच प्रक्रिया में विशेषज्ञों के प्रतिनिधित्व की मांग की है. लंदन की कानूनी फर्म ‘कीस्टोन लॉ’ ने इस रिपोर्ट का स्वागत किया. कीस्टोन के विमानन भागीदार जेम्स हीली-प्रैट ने कहा, ‘परिवार अब समझ गए हैं कि जांच का एक अधिक व्यापक दायरा है, लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंताओं में से एक यह है कि उन्हें इस सुरक्षा जांच से बाहर रखा गया है.’
ब्रिटिश और अमेरिका भी मदद के लिए आगे
उन्होंने कहा, ‘केवल भारतीय एएआईबी ही नहीं, ब्रिटिश एएआईबी भी मदद कर रहा है और अमेरिकी भी. इसलिए आदर्श रूप से, पीड़ित परिवारों को इसमें किसी न किसी रूप में शामिल किया जाना चाहिए.’ विमान में सवार 53 ब्रिटिश नागरिकों में से सीट नंबर 11ए पर बैठे विश्वास कुमार प्रकाश नामक केवल एक यात्री ही पिछले महीने हुई इस दुर्घटना में चमत्कारिक रूप से बच गये थे.
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