Nepal Corruption; Kathmandu Protest Situation Photos Video Update | नेपाल में 18 मौतों के बाद…

काठमांडू14 मिनट पहलेलेखक: नेपाल से खगेंद्र भंडारी, वैभव पलनीटकर / दिल्ली से पूनम कौशल, आशीष राय, देवांशु तिवारी
- कॉपी लिंक
नेपाल में सुबह से जारी विरोध प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया फिर से शुरू कर दिया गया। इस प्रदर्शन में अब तक18 लोगों की मौत हुई, जबकि 200 से ज्यादा घायल हो गए। इस प्रदर्शन की अगुआई Gen- Z यानी 18 से 30 साल के युवाओं ने की। यह प्रदर्शन अभी भी जारी है।
सोशल मीडिया पर बैन और सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सोमवार सुबह 12 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी युवा संसद भवन परिसर में घुस गए, जिसके बाद सेना ने कई राउंड फायरिंग की। नेपाल के इतिहास में संसद में घुसपैठ का यह पहला मामला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने संसद के गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम आवास के पास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। काठमांडू प्रशासन ने तोड़फोड़ करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए हैं।
संसद के अंदर घुसने की कोशिश करते प्रदर्शनकारी।
सोमवार को नेपाल के संसद भवन के बाहर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
प्रदर्शनकारी युवा गेट फांदकर संसद भवन परिसर में घुस गए।
एक प्रदर्शनकारी युवक संसद के गेट से कूद गया।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस के खदेड़े जाने के दौरान एक प्रदर्शनकारी भागता हुआ।
सरकार ने 3 सितंबर को सोशल मीडिया बैन किया था
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला किया था।
इन प्लेटफॉर्म ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। इसके लिए मंत्रालय ने 28 अगस्त को आदेश जारी कर 7 दिन का समय दिया था, यह समय सीमा 2 सितंबर को खत्म हो गई।
प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें…
सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं।
युवाओं ने अन्य लोगों से भी आंदोलन में जुड़ने की अपील की है। इसके लिए क्यू आर कोड वाले बैनर भी बनाए गए हैं।
आंदोलन में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं भी शामिल हुए हैं।
युवाओं का कहना है कि उनका बोलना भी सरकार के लिए अपराध है।
एक प्रदर्शनकारी युवक ने आंसू गैस के कैन को वापस पुलिस की तरफ फेंका।
नेपाल में युवाओं के प्रदर्शन से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
लाइव अपडेट्स
14 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
नेपाल में अब तक 18 लोगों की मौत, 200 घायल
नेपाल में जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक मरने वालों की संख्या 18 पहुंच गई है। जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं। कई जगह पर प्रदर्शनकारियों ने सेना पर पथराव किया है।
35 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
नेपाल में सोशल मीडिया फिर से शुरू
नेपाल में सोशल मीडिया फिर से शुरू हो गया है। भास्कर रिपोर्टर के मुताबिक, नेपाल में दोपहर 3:15 बजे के बाद बिना वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) इस्तेमाल किए सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चल रहे हैं।
47 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
नेपाल में सोशल मीडिया बंद क्यों हुआ था?
नेपाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 7 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया था। सरकार का तर्क था कि रजिस्ट्रेशन के बिना ये प्लेटफॉर्म्स देश में फेक ID, हेट स्पीच, साइबर क्राइम और गलत सूचनाएं फैलाने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।
तय समय सीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर सरकार ने 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया था। इसमें व्हाट्सअप, फेसबुक, यूट्यूब जैसे बड़े प्लेटफॉर्म थे। टिकटॉक, वाइबर जैसे प्लेटफॉर्म पर बैन नहीं लगा, क्योंकि उन्होंने समय पर रजिस्ट्रेशन करा लिया था।
यूट्यूब जैसी 26 कंपनियां रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं करा सकीं
नियमों के मुताबिक हर कंपनी को नेपाल में लोकल ऑफिस रखना, गलत कंटेंट हटाने के लिए लोकल अधिकारी नियुक्त करना और कानूनी नोटिसों का जवाब देना जरूरी कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार के साथ यूजर डेटा शेयर करने के नियम भी मानना जरुरी कर दिया गया।
कंपनियों को डेटा-प्राइवेसी और अभिव्यक्ति की आजादी के मामले में ये शर्तें बहुत सख्त लग रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत या यूरोप जैसे बड़े देशों में कंपनियां लोकल प्रतिनिधि रख लेती हैं, क्योंकि वहां यूजर बहुत ज्यादा हैं। लेकिन नेपाल का यूजर बेस छोटा है, इसलिए कंपनियों को यह बेहद खर्चीला लगा।
अगर कंपनियां नेपाली सरकार की यह शर्त मान लेती हैं, तो उन पर अन्य छोटे देशों में भी इन नियमों को पालन करने का दबाव पड़ता, जो काफी खर्चीला है। यही वजह रही कि पश्चिमी कंपनियों ने नेपाल सरकार की शर्त नहीं मानी और तय समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।
55 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पूर्व पीएम बोले- युवाओं की मांग पर ध्यान दे सरकार
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सरकार से Gen-Z की मांगों पर ध्यान देने की अपील की है। पूर्व PM ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए सरकार को जिम्मेदारी से ठोस कदम उठाने चाहिए। संसद में मुख्य विपक्षी दल के नेता प्रचंड ने पुलिस गोलीबारी में मारे गए युवाओं को श्रद्धांजलि भी दी।
11:05 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
‘सरकार के मनमाने फैसलों से बढ़ा गुस्सा’
नेपाल के पूर्व वित्त सचिव रामेश्वर खनाल ने कहा कि सरकार के मनमाने और गलत फैसले और सुशासन देने में नाकामी के चलते युवाओं का गुस्सा बढ़ गया है। बड़े-बड़े भ्रष्टाचार के घोटाले और सरकारी नियुक्तियों की खरीद-फरोख्त सुनते-समझते आ रहे युवा पीढ़ी में गुस्सा बढ़ रहा है।
10:48 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
प्रदर्शनकारी बोले- सरकार अपनी ताकत हम पर थोप नहीं सकती
प्रदर्शनकारियों ने नेपाल सरकार पर दमन के आरोप लगाए हैं। एक प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध करना चाहते थे, लेकिन आगे बढ़ने पर देखा कि पुलिस हमला कर रही थी और लोगों पर गोली चला रही थी।
सत्ता में बैठे लोग अपनी ताकत हम पर नहीं थोप सकते। भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन दबाए जा रहे हैं, जो बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति के अधिकार के खिलाफ है।
10:39 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
नेपाल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई
भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen Z (जेनरेशन जी) के विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक बलुवाटार स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई। सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हैं।
10:14 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
नेपाल प्रदर्शन में अब तक 16 की मौत
इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर पहुंचे 6 लोगों की मौत हो गई है। ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर दीपेंद्र पांडे ने बताया कि वहां लाए गए छह लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने कहा कि दस मरीजों की हालत बेहद नाजुक है, जिन्हें सिर और सीने में गोली लगी है। इसके अलावा, 20 से ज्यादा घायलों का इलाज भी जारी है। प्रोटेस्ट में अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है।
वहीं, सिविल अस्पताल में दो लोगों की मौत हुई है। सिविल अस्पताल के कार्यकारी निदेशक मोहन चंद्र रेग्मी ने बताया कि भर्ती कराए गए 2 लोगों की मौत हो चुकी है।
केएमसी और त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में 1-1 शख्स की मौत हुई है। मृतकों की पहचान अभी उजागर नहीं की गई है।
10:12 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
नेपाली सेलिब्रिटिज ने प्रदर्शनकारियों का सपोर्ट किया
नेपाल की कई मशहूर सेलिब्रिटिज ने प्रदर्शनकारियों का सपोर्ट किया है। एक्टर मदन कृष्ण श्रेष्ठ और हरि बंश आचार्य ने फेसबुक पर युवाओं की तारीफ की।
आचार्य ने एक नई सड़क के जल्दी बिगड़ने पर कहा- मैं रोज सोचता था कि यह सड़क इतनी जल्दी क्यों खराब हो गई। लेकिन युवा सिर्फ सोचते नहीं, सवाल पूछते हैं। यह क्यों टूटी? कैसे? कौन जिम्मेदार? यह एक उदाहरण है। युवा सिस्टम के खिलाफ नहीं, बल्कि नेताओं की गलतियों के खिलाफ हैं। उन्होंने नेताओं से कहा कि अच्छा काम करें और जिम्मेदारी युवाओं को दें।
वहीं एक्टर मदन कृष्ण श्रेष्ठ ने कहा- मैंने नेपाल के हर दौर को देखा है। आवाजें दबाई गईं, भाई-भतीजावाद बढ़ा, और सत्ता की लालच चरम पर है। हर दिन हजारों युवा विदेश काम करने को मजबूर हैं। भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है। नेपाल माता भी रो रही है। युवा देश का भविष्य हैं, और उनके सपने नेपाल के सपने हैं। लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। जेन जी की आवाज सुनी जानी चाहिए। भ्रष्ट अधिकारियों को जवाब देना होगा।
09:47 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
फायरिंग में अब तक 9 प्रदर्शनकारियों की मौत
नेपाल पुलिस के मुताबिक फायरिंग में अब तक 9 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। इसके अलावा 80 से ज्यादा लोग घायल हैं।
09:31 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
सेना प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर रही
09:20 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
बैरिकेड्स पर चढ़े प्रदर्शनकारी
09:18 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
पूर्व विदेश मंत्री बोले- जेन-जी के पास दूसरा विकल्प नहीं
नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा है कि जेन-जी पीढ़ी के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इसके लिए मंच तलाशने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
08:53 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया
08:49 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
पुलिस की युवा प्रदर्शनकारियों से भिडंत
08:19 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुसे
08:16 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
प्रधानमंत्री ओली के पोस्टरों को फाड़ा गया।
08:11 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
रात 10 बजे तक कर्फ्यू लागू
द हिमालयन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक काठमांडू जिला प्रशासन ने प्रमुख इलाकों में दोपहर 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया।
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भले ही वे उम्र सीमा की वजह से शामिल नहीं हो सकते, लेकिन युवाओं की आवाज सुनी जानी चाहिए।
विदेशों में रह रहे नेपाली युवाओं ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार और असमानता खत्म नहीं हुई तो और ज्यादा पढ़े-लिखे युवा देश छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।
काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने बताया कि यह प्रदर्शन ‘हामी नेपाल’ ग्रुप ने आयोजित किया है और इसके लिए अनुमति ली गई थी। आयोजकों का कहना है कि इसी तरह के कार्यक्रम देशभर के अन्य शहरों में भी किए जा रहे हैं।
युवा नेपाल के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के वॉन्टेड वाले पोस्टर लेकर निकले हैं।
08:10 AM8 सितम्बर 2025
- कॉपी लिंक
फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला किया था।
इन प्लेटफॉर्म ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। मंत्रालय ने 28 अगस्त से सात दिन की समय सीमा दी थी, जो 2 सितंबर को खत्म हो गई।
इस दौरान फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, X (ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म ने पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया। टिकटॉक, वाइबर, विटक, निमबज और पोपो लाइव ने पंजीकरण कर लिया है, जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी की मंजूरी प्रक्रिया चल रही है।
मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि अगर कोई प्लेटफॉर्म रजिस्ट्रेशन पूरा करता है, तो उसे उसी दिन बहाल कर दिया जाएगा। इस प्रतिबंध से विदेश में रहने वाले लाखों नेपाली प्रभावित होंगे।