महाराष्ट्र

अतिवृष्टी से प्रभावित कृषकों के प्रति सरकार संवेदनशील |

अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों के प्रति शासन अत्यंत संवेदनशील है। प्रभावित किसानों के लिए आर्थिक सहायता राज्य शासन द्वारा प्रदान की जाएगी। सहायता का निधि आते ही तुरंत किसानों के खातों में जमा किया जाना चाहिए। किसी भी प्रभावित व्यक्ति को सहायता से वंचित नहीं रहने दिया जाना चाहिए, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

सातारा जिला कार्यालय के परिषद सभागृह में सातारा जिले में अतिवृष्टि और नुकसान भरपाई के संबंध में पालकमंत्री श्री देसाई ने समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जिलाधिकारी संतोष पाटील, मुख्य कार्यकारी अधिकारी याशनी नागराजन, पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी, उपवनसंरक्षक अमोल सातपुते, अपर जिलाधिकारी मल्लिकार्जुन माने, सार्वजनिक बांधकाम विभाग के अधीक्षक अभियंता संतोष रोकड़े, जलसंपदा विभाग के अधीक्षक अभियंता अभय काटकर, निवासी उपजिलाधिकारी नागेश पाटील तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

पालकमंत्री श्री देसाई ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जा रही है। इस पैकेज के अनुसार शासन प्रत्येक जिले को निधि आवंटित करेगा। निधि आते ही दिवाली से पहले प्रभावित किसानों के खातों में जमा की जानी चाहिए। अतिवृष्टि से प्रभावित उन किसानों को सहायता दी जाएगी जिनके फसल, जमीन, कुएँ एवं अन्य संसाधनों को नुकसान हुआ है या जिनके पशु मरे हैं। सहायता से किसी भी प्रभावित व्यक्ति को वंचित नहीं रहने दिया जाएगा, इस बात का विशेष ध्यान महसूल और कृषि विभाग को रखना होगा।

सितंबर 2025 में कोरेगांव, माण, खटाव और सातारा तालुका में कुल 294 घरों को आंशिक नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई हेतु तहसील स्तर पर निधि वितरण किया गया है। खटाव तालुका में मृत व्यक्ति के वारिस को 4 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई है। सातारा तालुका में मृतक व्यक्ति के वारिसों को आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया जारी है। मृत पशुधन की संख्या 4 है और 36 दुकानें प्रभावित हुई हैं, इनके लिए भी तहसील स्तर पर सहायता वितरित की जा रही है। इसके अतिरिक्त कोरेगांव, खटाव, कराड, वाई और माण तालुका में कुल 4204 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसलों को नुकसान हुआ है और नई दर के अनुसार 8 करोड़ 97 लाख रुपये की निधि वितरित की जाएगी।

अतिवृष्टि के कारण सड़कें और पुल भी काफी प्रभावित हुए हैं। इनकी मरम्मत के लिए सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने 468 करोड़ 24 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा है और इसके लिए कार्यवाही जारी है, जैसा कि पालकमंत्री श्री देसाई ने बताया। 1 जून से 31 अगस्त तक हुई अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण जिला परिषद की विभिन्न इमारतें जैसे स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, ग्राम पंचायत कार्यालय, अन्य कार्यालय, सड़कें, साकव और जल योजनाओं को 225 करोड़ 44 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। वहीं, 1 सितंबर से 30 सितंबर तक अतिवृष्टि और बाढ़ से 149 करोड़ 14 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर जिला परिषद के विभिन्न विभागों को 364 करोड़ 58 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

मछली व्यवसाय विभाग के पास 76 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जिसमें जाली, नाव, मछली बीज और मछली का भंडार शामिल है। जलसंधारण विभाग के पास पाझर तालाब और लघु प्रकल्पों का 2 करोड़ 87 लाख रुपये, जलसंपदा विभाग के पास कालवे और कोल्हापुर पद्धति के बंधारे का 4 करोड़ 38 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। महावितरण विभाग के विद्युत खंभे, डीपी और अन्य संसाधनों का 1 करोड़ 17 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। नगर पालिका विभाग के तहत सड़कें, इमारतें और अन्य संसाधनों को 5 करोड़ 31 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। गृह विभाग के पास लगभग 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

किसानों से आग्रह:
किसानों को विभिन्न योजनाओं और प्राकृतिक आपदाओं में फसल नुकसान की सहायता आसानी से प्राप्त हो, इसके लिए उन्हें एग्रीस्टैक (AgriStack) पर पंजीकरण कराना चाहिए। यह पंजीकरण एंड्रॉइड मोबाइल के माध्यम से स्वयं कर सकते हैं या महसूल, कृषि और आपके सेवा केंद्र के माध्यम से करवा सकते हैं। एग्रीस्टैक पंजीकरण से प्रभावित किसानों को तत्काल सहायता मिलेगी। पालकमंत्री श्री देसाई ने सभी किसानों से एग्रीस्टैक पर पंजीकरण कराने का विशेष आग्रह किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button