Pakistan Airforce Chief US Visit: Pakistan Airforce Chief Zaheer Ahmed Baber Sidhu US Visit News- पाकिस्तान का चीन से मोहभंग! मुनीर के बाद क्यों ट्रंप दरबार पहुंचा पाक एयर चीफ, क्या भारत के लिए भी है खतरा, समझिए

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India Pakistan News: पाकिस्तान एयरफोर्स के चीफ जहीर सिद्दू अमेरिका यात्रा पर गए हैं. इस यात्रा पर भारत की नजर है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान अब चीन से दूर और अमेरिका से करीब आता दिख रहा है.

पाकिस्तान के एयरफोर्स चीफ अब अमेरिका पहुंचे हैं.
हाइलाइट्स
- पाकिस्तान के एयरफोर्स चीफ अमेरिका पहुंचे हैं
- इससे पहले आर्मी चीफ असीम मुनीर अमेरिका गए थे
- इस यात्रा को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं
PAF (पाकिस्तान एयर फोर्स) के अनुसार, एयर चीफ सिद्दू ने पेंटागन में अमेरिका के एयर फोर्स चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड ऑल्विन और इंटरनेशनल अफेयर्स की सेक्रेटरी केली एल. सेयबोल्ट से मुलाकात की. चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच संयुक्त प्रशिक्षण, तकनीकी साझेदारी और सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. हाल के समय में पाकिस्तान चीन के हथियारों की विश्वसनीयता को लेकर आशंकित रहा है, खासतौर पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना से मिली कड़ी टक्कर के बाद. रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान अब अमेरिका से एफ-16 ब्लॉक 70 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, HIMARS तोप प्रणाली और एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी खरीदने की योजना बना रहा है. पहले खबर थी की पाकिस्तान चीन से पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान खरीदेगा. लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने इससे इनकार कर दिया.
चीन से दूर हो रहा पाकिस्तान?
अमेरिका-पाकिस्तान आ रहे करीब
9/11 के हमलों के बाद आतंकी ओसामा बिन लादेन की तलाश के दौरान भारत और पाकिस्तान के प्रति अमेरिका का दृष्टिकोण सामान नहीं था. अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को समान स्तर पर देखने की नीति यानी हाइफनिंग को खत्म कर दिया था. एबटाबाद में एक सैन्य प्रशिक्षण मुख्यालय के पास ओसामा के मिलने ने अमेरिका को भारत की ओर और ज्यादा आकर्षित किया, लेकिन अब कुछ घटनाएं ‘री-हाइफनिंग’ यानी दोनों देशों को फिर एक साथ देखने की सोच की ओर इशारा करती हैं. इस बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी इस पर चिंता जताई.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि 9/11 के बाद बहुत ज्यादा डी-हाइपोनाइजशन हुआ और मुझे लगता है कि तत्कालीन राष्ट्रपति बुश ने इसके लिए कड़ी मेहनत की. लेकिन अब रूस-चीन का गठजोड़ बड़ा खतरा है और इसे लेकर बात करने के लिए बहुत कुछ है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे लिए यह दुखद है कि पाकिस्तान अब चीन के प्रभाव में है. आखिरकार यह उनके लिए फायदेमंद नहीं होने वाला. साउथ एशिया में शांति के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच समझ की आवश्यक्ता होगी.’
भारत की क्या है टेंशन?
भारत के ऑपरेशन सिंदूर का क्रेडिट डोनाल्ड ट्रंप ने लेने की कोशिश की है. भारत इसे द्विपक्षीय निर्णय बताता रहा है. जबकि पाकिस्तान पूरी तरह ट्रंप की भाषा बोल रहा है और सीजफायर के लिए उन्हें श्रेय भी दे रहा है. पाकिस्तान ने तो ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार तक की मांग कर दी है. भारत के लिए बड़ी टेंशन की बात यह है कि चीन का संबंध पहले ही पाकिस्तान से अच्छा है और अब वह अमेरिका से भी रिश्ते सुधार रहा है. ऐसे में भारत अब क्षेत्र में नए साझेदारों की तलाश करेगा और पुराने सहयोगियों के साथ रिश्तों को फिर से मजबूत करने की दिशा में काम करेगा.
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
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