व्यक्ति के घर से 30 करोड़ रुपये की ब्रांडेड घड़ियाँ ज़ब्त; DRI की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई

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कोलकाता, 24 जुलाई – विदेश से सोना या ड्रग्स की तस्करी की घटनाएँ बड़े पैमाने पर सामने आती रहती हैं। एयरपोर्ट पर होने वाली जांच में ऐसे मामले पकड़े जाते हैं। कस्टम ड्यूटी से बचते हुए विदेश से भारत में सोने की तस्करी की कोशिश की जाती है। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने थोड़ी-थोड़ी नहीं बल्कि पूरे 30 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की तस्करी की। पर ये सामान सोना या ड्रग्स नहीं बल्कि घड़ियाँ थीं। इस संबंध में ‘इंडिया टुडे’ ने रिपोर्ट प्रकाशित की है।
कोलकाता में एक व्यक्ति के घर से प्रीमियम विदेशी ब्रांड की 30 से अधिक घड़ियाँ जब्त की गईं। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी डीआरआई के मुंबई जोनल यूनिट ने पिछले हफ्ते उस व्यक्ति के घर से 30 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की तस्करी की घड़ियाँ ज़ब्त कीं। डीआरआई ने एक मिली टिप के आधार पर यह कार्रवाई की थी।
डीआरआई को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति के पास विदेश से तस्करी कर लायी गईं 30 से अधिक हाई-एंड प्रीमियम घड़ियाँ हैं। उन्हें जानकारी मिली थी कि यह व्यक्ति विदेश से भारत लौटने वाला है और वह कुछ महंगी ब्रांडेड घड़ियाँ कस्टम ड्यूटी चुकाए बिना लाने की योजना बना रहा है।
इस जानकारी के आधार पर डीआरआई ने उसे सिंगापुर से आने के बाद पिछले सप्ताह कोलकाता एयरपोर्ट पर रोका। उसके पास एक अत्यंत महंगी ग्रेबेल फोर्सी घड़ी पाई गई, जिसे उसने कस्टम अधिकारियों के सामने डिक्लेयर नहीं किया था। उसे जब्त कर लिया गया, जैसा कि डीआरआई की एक प्रेस रिलीज़ में बताया गया है।
सीमाशुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 104 के तहत उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद डीआरआई अधिकारियों ने उसके घर की भी तलाशी ली। वहां से ग्रेबेल फोर्सी, पुर्नेल, लुई विटॉन, एमबी एंड एफ, माड, रोलेक्स, ऑडेमार्स पिगुए और रिचर्ड मिल सहित प्रीमियम विदेशी ब्रांड की कुल 34 घड़ियाँ जब्त की गईं। सभी घड़ियों की कुल बाजार कीमत 30 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
डीआरआई ने कहा, “बैगेज से घड़ियाँ आयात करने पर बैगेज नियमों के अनुसार 38.5% कस्टम ड्यूटी वसूली जाती है, लेकिन इस व्यक्ति ने ड्यूटी नहीं भरी थी।”