महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अगले वर्ष फेरबदल होने की संभावना है।

गुजरात के मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद अब सबकी निगाहें महाराष्ट्र पर टिकी हुई हैं। महायुति सरकार के सूत्रों ने बताया कि आगामी एक वर्ष में मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा करने की योजना तैयार की गई है। जिनकी कार्यप्रदर्शन संतोषजनक नहीं होगा, उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है।
महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ मंत्री और भाजपा नेता ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर मिड-डे से कहा, “सरकार को अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है। हम मंत्रियों को काम करने के लिए पर्याप्त समय देंगे। आदर्श रूप से दो से ढाई वर्ष बाद पुनरावलोकन होना चाहिए। जो मंत्री निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य नहीं करेंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।”
गुजरात में इसी प्रकार के कुछ फेरबदल किए गए थे। वहाँ 21 नए मंत्रियों को शामिल किया गया, जिनमें से 12 पहली बार विधायक बने थे। नियमित रूप से फेरबदल करने के लिए प्रसिद्ध भाजपा अब “गुजरात मॉडल” को महाराष्ट्र में भी लागू करने के लिए तैयार दिखाई देती है।
इस बीच, महायुति के कुछ मंत्री — विशेषकर अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के — अपने विवादास्पद वक्तव्यों और आचरण के कारण चर्चा में हैं। उनके व्यवहार से सरकार की छवि धूमिल हुई, किंतु उन्हें पद से हटाने के बजाय सुधार का संकेत दिया गया है।
वर्ष 2024 में महाराष्ट्र में कुल 39 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की थी, जिनमें 33 कैबिनेट मंत्री और 6 राज्य मंत्री थे। भाजपा के पास सर्वाधिक 19 मंत्री हैं, उसके बाद शिंदे गुट की शिवसेना के 11 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 9 मंत्री हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सरकार का संचालन कर रहे हैं।
पूर राहत हेतु सहायता वितरण
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों और परिवारों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के सहायता पैकेज को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि यह सहायता दीपावली से पूर्व वितरित की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक इस सहायता राशि का लगभग 60 से 65 प्रतिशत भाग वितरित किया जा चुका है।
