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PM Narendra Modi China Visit Reaction; CNN NYT | Trump Xi Jinping | मोदी के चीन दौरे पर वर्ल्ड…


बीजिंग13 मिनट पहले

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पीएम मोदी 30 अगस्त को पूरे सात साल बाद चीन पहुंचे हैं। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मीटिंग से पहले आज चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की।

जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। अब मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के संबंध सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है।

मोदी के चीन दौरे को दुनियाभर का मीडिया कवर कर रहा है।​​​​जानिए किसने क्या लिखा…

न्यूयॉर्क टाइम्स: SCO समिट में चीन दुनिया को अपनी ताकत दिखाएगा

न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोदी, जिनपिंग और पुतिन की तस्वीर के साथ रिपोर्ट में लिखा है कि शी जिनपिंग के लिए इससे बेहतर मौका शायद ही कोई हो सकता था।

एक तरफ भारत के मोदी हैं, जिनके देश पर राष्ट्रपति ट्रम्प ने ऊंचे टैरिफ लगाए हैं। दूसरी तरफ रूस के पुतिन हैं, जिन पर ट्रम्प की वजह से ही पश्चिमी देशों के प्रतिबंध कमजोर पड़ते दिख रहे हैं।

अखबार लिखता है कि इस पूरे आयोजन के केंद्र में जिनपिंग हैं। वे भारत और अमेरिका के बीच तनाव को अपने लिए अवसर बना रहे हैं और पुतिन के साथ अपने पुराने गठबंधन को और मजबूती दे रहे हैं।

यह सम्मेलन सिर्फ औपचारिक मुलाकात नहीं है। इसमें मध्य एशिया के 20 से ज्यादा नेता शामिल हो रहे हैं। इसके बाद बीजिंग में चीन अपनी नई मिसाइलों और युद्धक विमानों की सैन्य परेड भी करेगा।

यह सब दर्शाता है कि शी इतिहास, कूटनीति और सेना की ताकत को मिलाकर दुनिया की उस व्यवस्था को बदलना चाहते हैं जिस पर अब तक अमेरिका का दबदबा रहा है।

CNN: ट्रम्प से नाराजगी के बीच, चीन में पुतिन-मोदी का रेड कार्पेट वेलकम

यह मोदी की सात साल में पहली चीन यात्रा है। मुलाकात से पहले दोनों ने हाथ मिलाया और कैमरों के सामने साथ खड़े होकर तस्वीरें खिंचवाईं।

यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत और चीन दोनों ही अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित हैं।

जिनपिंग ने मोदी से कहा कि भारत और चीन के लिए सबसे सही रास्ता यही है कि वे अच्छे दोस्त और साझेदार बनें।

दुनिया के दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश, जो अमेरिका के साथ अपने-अपने मतभेदों की वजह से दबाव झेल रहे हैं, अब एक-दूसरे के करीब आने की संभावना देख रहे हैं।

BBC: ट्रम्प के टैरिफ से परेशान भारत-चीन, ट्रेड को पटरी पर लाने की कोशिश में जुटे

मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका ने भारत और चीन दोनों पर ऊंचे टैरिफ लगाए हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये टैरिफ भारत के निर्यात क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। दूसरी ओर, चीन भी अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिकी टैरिफ उसके लिए भी चुनौती बने हुए हैं।

बीजिंग की वुसावा एडवाइजरी की संस्थापक कियान लियू का कहना है, ‘दुनिया का ध्यान अब तक अमेरिका-चीन रिश्तों पर रहा, लेकिन अब भारत और चीन के बीच सहयोग पर ध्यान देना चाहिए।’

रॉयटर्स: भारत और चीन आपसी संबंध सुधारने के लिए तैयार

जिनपिंग के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल कजान में हमारी बहुत उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंध बेहतर हुए। मोदी ने कहा, ‘हम आपसी सम्मान, विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

सीमा विवाद मोदी ने कहा कि अब यहां शांति का माहौल बना है। साथ ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें, जो 2020 से निलंबित थीं, फिर से शुरू की जा रही हैं, लेकिन कोई समय-सीमा नहीं बताई गई।

अल जजीरा: SCO समिट में अमेरिकी ट्रेड वॅार और भारत-चीन संबंधों पर चर्चा

चीन का शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जनसंख्या के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय समूह है। 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर SCO की स्थापना की थी।

पहले यह समूह मध्य एशियाई मुद्दों पर ध्यान देता था, लेकिन अब यह वैश्विक मामलों पर चर्चा का मंच बन चुका है। यह समिट नेताओं और अधिकारियों के लिए एक मंच है, जहां वे अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं।

इस बार समिट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों का असर दिख सकता है, क्योंकि कई देशों के साथ उनके व्यापारिक तनाव हैं। समिट में पुतिन, बेलारूस के नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नेता शामिल होंगे।

भारत-पाकिस्तान, भारत-चीन, सऊदी अरब-ईरान जैसे देशों के बीच पुराने विवाद भी इस समिट में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं।

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