अंतर्राष्ट्रीय

**ट्रम्प ने जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री ताकाइची से की मुलाकात; व्यापार और सुरक्षा पर हुई चर्चा — जापान करेगा उन्हें नामांकित…**

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को जापान की नई प्रधानमंत्री साने तकाइची से टोक्यो स्थित अकासाका पैलेस में भेंट की। इस अवसर पर ट्रम्प ने जापान को अमेरिका का सबसे मज़बूत सहयोगी बताते हुए उसकी हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

तकाइची हाल ही में जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में व्यापार एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। तकाइची ने घोषणा की कि जापान, अमेरिका की स्थापना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में अगले वर्ष 250 चेरी के वृक्ष भेंट करेगा तथा राष्ट्रपति ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार हेतु नामांकित भी करेगा।

ट्रम्प सोमवार को जापान पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने सम्राट नारुहितो से मुलाकात की। आज दोपहर वे प्रधानमंत्री तकाइची के साथ योकोसुका नौसैनिक अड्डे का दौरा करेंगे, जहाँ अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस जॉर्ज वॉशिंगटन तैनात है।

बैठक के दौरान तकाइची ने ट्रम्प को दिवंगत प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे का गोल्फ क्लब भेंटस्वरूप देने की घोषणा की। दोनों नेताओं ने आबे के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

सूत्रों के अनुसार, जापान अमेरिका में लगभग 550 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है, जिसमें जहाज़ निर्माण, अमेरिकी सोयाबीन, गैस और पिकअप ट्रक की खरीद शामिल है। माना जा रहा है कि यह कदम ट्रम्प पर जापान से रक्षा खर्च बढ़ाने के दबाव को कम कर सकता है।

ट्रम्प चाहते हैं कि जापान अपनी सुरक्षा व्यय में वृद्धि करे। तकाइची ने पहले कहा था कि जापान अपने रक्षा बजट को देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 2% तक बढ़ाएगा। यह जापान की सुरक्षा नीति में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।

व्यापार के विषय में तकाइची ने कहा कि वे अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने का प्रयास करेंगी। जुलाई में हुए समझौते के अनुसार, जापान अमेरिका को 15% टैरिफ देगा और वहाँ 550 अरब डॉलर का निवेश करेगा। तकाइची ने कहा कि वह इस समझौते की शर्तों का पुनः परीक्षण करेंगी, विशेषकर निवेश से संबंधित प्रावधानों का।

रूस से गैस की खरीद पर भी बैठक में चर्चा हुई। अमेरिका ने जापान से इसे रोकने का आग्रह किया था, किन्तु जापान ने अपने राष्ट्रीय हितों का हवाला देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया। तकाइची, पूर्व प्रधानमंत्री आबे की शिष्या मानी जाती हैं, और आबे तथा ट्रम्प के बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जो तकाइची के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

जापान यात्रा के बाद ट्रम्प दक्षिण कोरिया जाएंगे, जहाँ वे एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वहाँ उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होगी।

ट्रम्प चीन के साथ एक व्यापार समझौता करना चाहते हैं, जिससे चल रहे व्यापार युद्ध का अंत हो सके। इस समझौते में अमेरिकी सोयाबीन की खरीद, दुर्लभ खनिजों पर प्रतिबंधों का हटना तथा फेंटेनिल जैसी दवाओं के कच्चे माल पर नियंत्रण शामिल है।

अमेरिका ने फरवरी 2025 में चीन पर 10% टैरिफ लगाया था, जो अप्रैल तक बढ़कर 145% हो गया। ट्रम्प का मानना है कि यह नई डील उनकी “महान समझौता निर्माता” की छवि को और सुदृढ़ करेगी।

ट्रम्प के मलेशिया पहुँचने से पूर्व अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारियों ने कुआलालंपुर में व्यापार वार्ता की। दोनों देशों की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ व्यापार युद्ध को समाप्त करने और अगले सप्ताह दक्षिण कोरिया में होने वाले APEC शिखर सम्मेलन में ट्रम्प एवं शी जिनपिंग की मुलाकात सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं।

यह वार्ता उस समय हुई जब ट्रम्प ने 1 नवम्बर से चीनी वस्तुओं पर 100% कर लगाने और अन्य व्यापार नियमों को कड़ा करने की चेतावनी दी थी। यह कदम चीन द्वारा कुछ विशेष खनिजों और मैग्नेट के निर्यात पर रोक लगाने के प्रत्युत्तर में उठाया गया था।

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