मुंबई मंत्रियों के बंगले में ₹30 करोड़ का घोटाला; रोहित पवार ने फडणवीस को घेरा, फूल बेचने वाले का किया ज़िक्र…

केवल कागज़ों पर काम दिखाकर मंत्रियों के बंगले पर लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गट) के विधायक रोहित पवार ने लगाया है। उन्होंने इस मामले में सीधे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि “बेचारे मुख्यमंत्री से भी बिना अनुमति यह काम किया गया।”
रोहित पवार ने कहा, “केवल कागज़ों पर काम दिखाकर मंत्रियों के बंगलों पर 30 करोड़ रुपये खर्च करने का घोटाला जब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उजागर किया, तब यह मुद्दा मैंने पिछले साल ही विधानसभा में उठाया था। अब सतर्कता और गुणनियंत्रक मंडल की जांच में भी यह घोटाला साबित हो गया है। मंत्रियों के बंगलों पर सरकारी पैसों की कैसी उधम मचाई गई, इसका पूरा विवरण इस रिपोर्ट में है। एक तरफ सरकार कहती है कि पैसे नहीं हैं, और दूसरी तरफ दीवारों पर ग्रेनाइट के कंपाउंड लगाए जा रहे हैं! खास बात यह है कि बंगलों की मरम्मत के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति ज़रूरी होती है, लेकिन इस रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है कि मुख्यमंत्री की अनुमति भी नहीं ली गई।”
उन्होंने आगे कहा, “पिछले वर्ष जब मैंने यह मुद्दा उठाया था, तब बीच में खड़े होकर ज़ोर-ज़ोर से झूठे आरोप बताने वाली पोकळ डरकाळी देने वाले मंत्री गुलाबराव पाटील अब इस पर क्या स्पष्टीकरण देंगे? दोषी कार्यकारी अभियंता और अन्य इंजीनियरों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तुरंत कार्रवाई करें, वरना हिवाळी अधिवेशन में हम सरकार की पोल खोलने से पीछे नहीं हटेंगे।” उन्होंने यह भी कहा, “हम बिना सबूत के बात नहीं करते।”
भाजपा पदाधिकारी के उत्पीड़न से परेशान फूलविक्रेता की आत्महत्या
रोहित पवार ने एक अन्य पोस्ट में भाजपा पदाधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उनके उत्पीड़न से तंग आकर एक मुस्लिम फूलविक्रेता ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा, “कट्टरपंथियों और भाजपा कार्यकर्ताओं का आतंक अब चरम पर है। सावंतवाड़ी के बांदा गांव के फूलविक्रेता आफताब शेख ने स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों के जुल्म से तंग आकर आत्महत्या कर ली। उसे पिछले 8 महीनों से फूलों की दुकान खोलने नहीं दी गई थी, जिससे उसका परिवार भी मुश्किल में था। जब उसने दुकान खोलने की कोशिश की, तो उसे लगातार परेशान किया गया — और अंततः उसने आत्महत्या कर ली।”
रोहित पवार ने कहा, “यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सरकार प्रायोजित हत्या है। कट्टरपंथी चाहे दाएँ हों या बाएँ — दोनों ही लोकतंत्र के लिए घातक हैं। गृहमंत्री को इस घटना की गंभीरता से जांच कर इन तथाकथित कट्टरपंथियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सरकार ने कदम नहीं उठाया, तो जनता अगर सड़कों पर इन लोगों को सबक सिखाए, तो उसकी ज़िम्मेदारी सरकार पर ही होगी।”
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शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाया है —
“सरकार ने किसानों को जून 2026 तक कर्जमाफी देने का वादा किया है। लेकिन तब तक किसानों को क्या मौजूदा कर्ज की किस्तें भरनी चाहिए या नहीं?”
उन्होंने कहा, “सरकार ने कर्जमाफी के लिए जून का वादा किया है, लेकिन तब तक किसानों को जो कर्ज सिर पर है, उसकी किस्तें भरनी हैं या नहीं? आने वाले रबी सीजन के लिए किसानों को जो नया कर्ज मिलेगा, उसकी किस्तें भी देनी हैं या नहीं? सरकार इस पर स्पष्ट जवाब दे।”
