महाराष्ट्र

दिल्ली – नेपाल में अराजकता को लेकर एकनाथ शिंदे का बयान; संजय राउत की टिप्पणी से राजनीतिक हलचल

 

नेपाल में अराजकता पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान | संजय राउत की टिप्पणी पर राजनीतिक प्रतिक्रिया

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए नेपाल में हुई अराजकता की घटना को अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के मन में भारत में भी नेपाल जैसी स्थिति पैदा करने की साजिश हो सकती है, इसलिए ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

नेपाल में अराजकता की घटना पर प्रतिक्रिया

शिंदे ने कहा कि उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन के शपथ समारोह के अवसर पर दिल्ली दौरे के दौरान उन्होंने यह बात कही। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने भारत में नेपाल जैसी स्थिति बनने की चेतावनी दी थी। जब पत्रकारों ने इस पर सवाल पूछा तो शिंदे ने तुरंत स्पष्ट किया कि भारत में ऐसा कुछ संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “यह बयान देना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। देशभक्ति और देशप्रेम रखने वाले लोग ऐसी बातें नहीं कर सकते। कुछ लोगों के मन में अराजकता फैलाने की मंशा हो सकती है। इसलिए देखना चाहिए कि कहीं कोई साजिश तो नहीं रच रहा है।”

भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली पर विश्वास

शिंदे ने भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को परिपक्व और मजबूत बताया। उन्होंने कहा कि भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान के कारण भारत में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना कभी नहीं हो सकती। कुछ लोग अपनी बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि लोकतंत्र में उन्हें जनता से समर्थन नहीं मिल रहा है। ऐसे लोगों की कोशिश पर नज़र रखनी चाहिए और देश में अराजकता फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

उपराष्ट्रपति का शपथ समारोह

शिंदे ने कहा कि आज का दिन एनडीए के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने चुनाव में भारी बहुमत से विजय प्राप्त की। उनका शपथ समारोह शानदार रहा। शिंदे ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि वे साधारण जीवन जीने वाले, मिलनसार स्वभाव और उच्च विचारधारा वाले नेता हैं। उन्हें राज्यपाल और संसदीय कार्यों का व्यापक अनुभव है, जिससे वे इस पद की गरिमा और प्रतिष्ठा बढ़ाएंगे। उनके नेतृत्व से देश के विकास को लाभ मिलेगा।

अजित पवार की अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण

जब पत्रकारों ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अनुपस्थिति पर सवाल किया तो शिंदे ने कहा कि पवार का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था, इसलिए वे नहीं आ सके, लेकिन उनके प्रतिनिधि प्रफुल्ल पटेल समारोह में उपस्थित थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए के सभी लोग कार्यक्रम में शामिल थे और जगदीप धनकड़ भी प्रोटोकॉल के अनुसार उपस्थित थे।


यह बयान देश की लोकतांत्रिक परंपरा को मजबूत करने, अराजकता फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने और उपराष्ट्रपति के पद को सम्मान देने का संदेश देता है। साथ ही, राजनीतिक एकता और नेतृत्व के प्रति भरोसा भी व्यक्त करता है।

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